सूर्यवंशी समाज सुधार संगठन द्वारा ग्राम बघौदा में जनजागरूकता कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपन्न

सूर्यवंशी समाज सुधार संगठन द्वारा ग्राम बघौदा में जनजागरूकता कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपन्न
ग्राम बघौदा, 24 नवंबर 2024 – सूर्यवंशी समाज सुधार संगठन के तत्वावधान में आयोजित जनजागरूकता कार्यक्रम ने आज गांव में एक नई चेतना का संचार किया। कार्यक्रम की शुरुआत में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए गए, जिससे समाज के प्रति उनके योगदान को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद, संगठन के एक समाज सुधारक और अंबेडकरवादी साथी, स्वर्गीय भाई (मुरलिडीह कंजी), की प्रथम पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। स्वर्गीय भाई का आकस्मिक निधन 24 नवंबर 2023 को हुआ था, और उनके योगदान को भावपूर्ण स्मरण किया गया।

गांव में निकाली गई जोरदार रैली
जनजागरूकता कार्यक्रम के तहत पूरे गांव में एक भव्य रैली निकाली गई, जिसमें ग्रामीणों ने बड़े उत्साह से भाग लिया। कार्यक्रम को बघौदा सतगंवा के अध्यक्ष का पूर्ण समर्थन प्राप्त हुआ। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “यह कार्यक्रम सूर्यवंशी समाज के लिए मील का पत्थर साबित होगा। आज तक केंद्रीय कमेटी ने इस प्रकार की संविधान जागरूकता पहल नहीं की, लेकिन इस संगठन ने समाज को दिशा देने का कार्य किया है।”
ग्राम के केंद्रीय कमेटी के प्रतिनिधियों ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया औरउन्होंने बताया कि उन्हें सामाजिक संविधान से जुड़ी जानकारी का अभाव है और “आज तक केंद्रीय कमेटी ने हमें संविधान जागरूकता के लिए इस तरह की कोई पहल नहीं की। इस कार्यक्रम ने हमें पहली बार इस विषय पर जागरूक किया।”

महिलाओं की बढ़-चढ़कर भागीदारी
ग्राम की महिलाओं ने भी इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भाग लिया और संगठन के विचारों का समर्थन किया। उन्होंने संगठन द्वारा समाज के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की और भविष्य में भी सहयोग का आश्वासन दिया।
संगठन की अनूठी पहल की सराहना
सूर्यवंशी समाज सुधार संगठन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम ने न केवल समाज में जागरूकता बढ़ाई बल्कि यह साबित किया कि जब समाज एकजुट होता है, तो बदलाव की लहरें स्वतः उठ खड़ी होती हैं। यह पहल आने वाले समय में समाज सुधार और संविधान जागरूकता के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।

यह जनजागरूकता कार्यक्रम गांव के इतिहास में एक अभूतपूर्व प्रयास के रूप में दर्ज हो गया। ग्रामीणों ने इस पहल को जोरदार समर्थन दिया और इसे समाज सुधार के एक नए युग की शुरुआत बताया।