समाज को गौरवान्वित किये सावन गुजराल: शिक्षक रत्न सम्मान 2024 से किया गया सम्मानित

समाज को गौरवान्वित किये सावन गुजराल: शिक्षक रत्न सम्मान 2024 से किया गया सम्मानित
खरसिया – शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय झालरौंदा के समर्पित शिक्षक सावन गुजराल (रमेश कुमार सूर्यवंशी) को काव्य कलश कला एवं साहित्य मंच खरसिया द्वारा प्रतिष्ठित शिक्षक रत्न पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और विद्यार्थियों के समग्र विकास हेतु उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया।

गायत्री मंदिर परिसर, खरसिया में आयोजित इस गरिमामय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री बृजभूषण द्विवेदी, संचालक जगरानी देवी महाविद्यालय, बाराद्वार ने शिरकत की, वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध समाजसेवी और चिंतक श्री राकेश नारायण बंजारे ने की।
सावन गुजराल: एक बहुमुखी प्रतिभा सावन गुजराल केवल एक शिक्षक ही नहीं, बल्कि एक कवि, समाजसेवी, उत्कृष्ट खिलाड़ी, मंच संचालक और फिल्मों के गहन जानकार भी हैं। उन्होंने अपने करियर में अनगिनत विद्यार्थियों को प्रेरित और मार्गदर्शित किया है, जिससे उनका शैक्षिक और सामाजिक योगदान सराहनीय है। गुजराल अनवरत रूप से नवाचार और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में जुटे रहते हैं।
सावन गुजराल वर्तमान में सूर्यवंशी समाज जांजगीर-चांपा, कोरबा, सक्ति परिक्षेत्र के सांस्कृतिक सचिव के रूप में भी कार्यरत हैं। शिक्षक रत्न सम्मान प्राप्त करके उन्होंने न केवल अपने विद्यालय और शिक्षा जगत को गौरवान्वित किया, बल्कि अपने समाज को भी प्रतिष्ठा दिलाई है।
शुभकामनाओं की बौछार सावन गुजराल की इस सफलता पर उनके शिक्षक मित्रों, साहित्य प्रेमियों और सूर्यवंशी समाज ने उन्हें ढेरों शुभकामनाएं दी हैं। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें एक प्रेरणास्रोत के रूप में स्थापित कर दिया है, जो शिक्षा के क्षेत्र में नए मील के पत्थर स्थापित करने के लिए निरंतर अग्रसर हैं।
सामाजिक योगदान और सम्मान सावन गुजराल ने इससे पहले भी कई मंचों पर अपनी प्रतिभा और समर्पण के कारण सम्मान प्राप्त किए हैं। उनकी उपलब्धियाँ यह दर्शाती हैं कि वे न केवल शिक्षा, बल्कि समाज सेवा और संस्कृति के क्षेत्र में भी एक अद्वितीय भूमिका निभा रहे हैं।
शिक्षक रत्न पुरस्कार 2024 से सम्मानित होकर सावन गुजराल ने अपने समाज, विद्यालय और क्षेत्र को गर्वान्वित किया है, और यह सम्मान उनके निरंतर उत्कृष्ट कार्यों का साक्षी है।