कला एवं साहित्यसमाचार

योगाचार्य सुखदेव प्रधान को मिला डॉक्टरेट की उपाधि

योगाचार्य सुखदेव प्रधान को मिला डॉक्टरेट की उपाधि


दिल्ली के मैजिक एवं आर्ट यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में योगाचार्य सुखदेव प्रधान को आनरेरी डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन फरीदाबाद, दिल्ली में किया गया, जहाँ उन्हें योग, गीत-काव्य लेखन, साहित्य साधना और समाज सेवा में उनके असाधारण योगदान के लिए सम्मानित किया गया। यह उपाधि सुखदेव प्रधान की अनवरत मेहनत और समाज के प्रति समर्पण का प्रतीक है।

योगाचार्य सुखदेव का परिचय

सुखदेव प्रधान का परिचय एक योगाचार्य, साहित्यकार और समाज सेवक के रूप में होता है। वे कई प्रतिष्ठित संगठनों के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। वे केंद्रीय सूर्यवंशी समाज जांजगीर-कोरबा परिक्षेत्र के वर्तमान संगठन सचिव हैं। इसके अलावा, वे योग प्रेरणा समिति कुम्हारी कला के अध्यक्ष भी हैं, जिसके माध्यम से वे समाज सेवा के अनेक कार्य करते हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता और समाज के प्रति समर्पण ने उन्हें एक विशिष्ट पहचान दिलाई है।

साहित्य और योग में योगदान

साहित्य और योग के क्षेत्र में सुखदेव प्रधान का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बड़े-बड़े साहित्यकारों और संगीतकारों के संगत में रहकर बतौर युवा कवि अपनी पहचान बनाई। गांव-गांव में योग शिविर लगाकर उन्होंने लोगों को स्वस्थ जीवन के लिए प्रेरित किया है। उनके प्रयासों से अनेक लोग योग के प्रति जागरूक हुए हैं और स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। उनकी रचनाएँ देश के विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं और आकाशवाणी बिलासपुर से भी उनकी कविताओं का प्रसारण हो चुका है।

निवास स्थान और प्रारंभिक प्रेरणा

सुखदेव प्रधान का निवास स्थान दरी (सरहर) बाराद्वार है। उन्होंने सिल साहित्य परिषद जांजगीर और राष्ट्रीय कवि संगम जांजगीर से प्रेरणा लेते हुए अपनी रचना की शुरुआत की। उनकी लेखनी में समाज की वास्तविकता और जीवन के विभिन्न पहलुओं का चित्रण मिलता है। उनकी रचनाओं में जीवन के विविध रंगों का समावेश है, जो पाठकों को गहराई से प्रभावित करता है।

व्यक्तिगत जीवन और सहयोग

सुखदेव प्रधान अपनी उपलब्धियों का पूरा श्रेय अपने परिवार, सहपाठियों, और घनिष्ठ मित्रों को देते हैं। उनके परिवार ने हमेशा उनका समर्थन किया है और उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। उनके सहपाठियों और मित्रों ने भी हर कदम पर उनका साथ दिया है, जिससे वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सके हैं। उनके परिवार और मित्रों के सहयोग से ही वे इस मुकाम तक पहुँच सके हैं।

समाज में प्रभाव और प्रतिक्रिया

सुखदेव प्रधान की इस उपलब्धि से उनके जानने वालों में खुशी की लहर दौड़ गई है। सभी उन्हें बधाई दे रहे हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना कर रहे हैं। उनकी मेहनत और समाज के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है और आगे भी वे इसी प्रकार समाज सेवा करते रहेंगे।

प्रेरणादायक संदेश

सुखदेव प्रधान की यह सफलता उन सभी के लिए प्रेरणा है जो समाज सेवा और साहित्य साधना के क्षेत्र में कुछ करना चाहते हैं। उनकी मेहनत और समर्पण से यह सिद्ध होता है कि यदि हम अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहें और समाज के लिए कुछ करने का संकल्प लें, तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं होती। सुखदेव प्रधान ने यह साबित कर दिया है कि सच्ची लगन और मेहनत से हर सपना साकार किया जा सकता है।

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